लेखनी प्रतियोगिता -08-Jun-2022 दुखी सुखन्वर

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एक बार आसमान छूने की बात करी थी मैने रास्ते में उस दिन ज़मी रास्ते भर रोई थी मुझे घर पहुंचाते पहुंचाते कोई फूल नहीं खिलता अब मेरे आंगन में आखिर ...

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